सनातन धर्म: भारतीय संस्कृति की मूलधारा

सनातन धर्म एक विशेष धर्म नहीं, बल्कि यह एक सृजनात्मक और आध्यात्मिक धारणा है, जो विश्व के एक अत्यंत जीवंत और प्राचीन धर्म परंपराओं में से एक है। इसका इतिहास समृद्ध है और यह धर्म भारतीय सभ्यता और धर्म के महत्वपूर्ण हिस्से का हिस्सा है।

सनातन धर्म का मूल:
सनातन धर्म का शाब्दिक अर्थ “शाश्वत धर्म” है। यह धारणा है कि आत्मा अमर है और मानव जीवन का उद्देश्य आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति है। सनातन धर्म का मूल धारणा संसार, कर्म, और मोक्ष के तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है।

इतिहास का पहला पड़ाव:
सनातन धर्म का इतिहास वेदों के समय से शुरू होता है, जिन्हें आदि कवि व्यास ने व्यासपीठ के द्वारा व्यास्त किया। वेदों में आदिकाव्य ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद शामिल हैं और ये धार्मिक ग्रंथ हैं जो विश्व को धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं।

महाभारत और रामायण:
महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य ग्रंथ सनातन धर्म के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। महाभारत की कथा महाभारत युद्ध के चारण युद्ध के प्रारंभ से लेकर धर्म और कर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं को छूने का प्रयास करती है। रामायण, भगवान राम के जीवन की कथा है और यह भक्ति और नैतिकता के महत्व को बताता है।

उपनिषदों का आगमन:
उपनिषद् एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ हैं जो वेदों के बाद आए। ये ग्रंथ आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष के बारे में गहरे आध्यात्मिक ज्ञान को व्यक्त करते हैं।

धर्मशास्त्र और धार्मिक आदर्श:
सनातन धर्म का इतिहास धर्मशास्त्रों जैसे मनुस्मृति और याज्ञवल्क्य स्मृति के ग्रंथों के माध्यम से व्यक्त होता है। ये ग्रंथ धर्मिक आदर्शों और नीतियों को प्रस्तुत करते हैं और समाज के सुधारने का काम करते हैं।

सनातन धर्म के आध्यात्मिक आयाम:
सनातन धर्म के आध्यात्मिक आयाम योग, ध्यान, और भक्ति के माध्यम से आत्मा के प्रति जागरूकता और मोक्ष की प्राप्ति को प्रमोट करते हैं।

सनातन धर्म का इतिहास अत्यंत विशाल है और यह धर्म विश्व के विभिन्न कोनों में प्रचलित है। इसके सिद्धांत और आदर्श आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण हैं और यह एक अद्वितीय धर्म के रूप में जीवित रहा है।

समापन:
सनातन धर्म का इतिहास एक अद्वितीय और समृद्ध धारणा का परिचय देता है, जिसका मूल उद्देश्य आत्मा की मोक्ष है। इस धर्म का इतिहास उसकी महत्वपूर्ण ग्रंथों, आदर्शों, और आध्यात्मिक अद्वितीयता को प्रकट करता है और भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

13 thoughts on “सनातन धर्म: भारतीय संस्कृति की मूलधारा”

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